Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

मां तू कैसे कर लेती है-बिन कहे हर बात जान लेती है

Anshika Agrawal 09 Jul 2023 कविताएँ अन्य Hindi kavita, मां पर कविता, हिंदी लेख , मां , hindi poem , poem on mother, maa kavita 5697 0 Hindi :: हिंदी

बिन कहे हर बात जान लेती है,
मुझ पर आई हर मुसीबत से लड़ लेती है।
आंचल में भरकर दुलार भी कर लेती है,
करुं जो शरारत तो फटकार भी लेती है।
इतना सब कुछ मां , तू कैसे कर लेती है।
मेरी हर ख्वाइश को पलभर में पूरा कर देती है, 
देने जहां भर की खुशियां मुझे
 हर असंभव प्रयास कर लेती है
 देखू जो ख़्वाब कोई तो हकीकत कर देती है
 इतना सब कुछ मां , तू कैसे कर लेती है
 फेरकर  हाथ सर पर प्यार भरा,
 हर दर्द छूमंतर कर देती है।
पडूं जो बीमार तो चिंता में रातभर जाग लेती है।
बच्चो के आगे , सुध कहां तुझे अपनी ही रहती है
आह भी करूं जो मैं तो अपना कलेजा रख देती है
 इतना सब कुछ मां, तू कैसे कर लेती है।
                                                                                 
                          - अंशिका अग्रवाल

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: