Gopal krishna shukla 11 Aug 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #love 4997 0 Hindi :: हिंदी
मैं कहूँ एक ख्वाब वो सोचूँ उसे हर रात मे l उससे नज़र की गुप्तगु होती नहीं अल्फ़ाज़ से ll ठहरे हो जो मेरे होंठ पर शब्दों का है इक गान वो... मैं कहूँ बस ख्वाब वो है नहीं मेरे साथ वो ll हर पहर की धूप मे चलती हुई हर धूल मे आब उसकी देखता हूँ देखता हूँ चाँद को, सोचूँ उसे हर रात में, लेकिन है अब भी ख्वाब वो ll2