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इंसान के साथ मसखरी-हादसे करने लगे

ASHWANI PANDEY ( ADVOCATE ) 14 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 10903 0 Hindi :: हिंदी

हादसे इंसान के संग, 
मसखरी करने लगे 
लफ़्ज़ कागज़ पर उतर कर 
जादूगरी करने लगे 
क़ामयाबी जिसने पाई, 
उनके घर तो बस गये
जिनके दिल टूटे वो शख्स 
शायरी करने लगे..
किस्से खत्म होकर भी कुछ यादें रह गई 
लोग मजाक मजाक में बाते करने लगे 
मन चाह कर भी लौट नही सकता 
कुछ लोग मेरे लौटने का फरियाद करने लगे 
जब मैं था सफर में अभी अभी तो कुछ लोग थे भ्रम में अभी
  की देखकर सोचे गया कहां वो
उनको क्या पता की अब हम सब कुछ समझ चुके  है अभी अभी 
रास्ते में बारिश का आता देख कुछ पल लगा साजिशे है मेरे खिलाफ मुझे लौटाने की 
पर मेरा दृढ़ निश्चय मुझे ले आया मेरी मंजिलों के पास
आकर मैने देखा ,सुना पाया और ये सोचा की की क्यों मैने होश था गवाया पहले ना जाने क्यों मुझे इतनी देर से अक्ल है आई की ना जाने क्यों इतनी देर से ही आई 
फिर मेरे अग्रज ने पूछा ये पंक्तियां कहां से ले आए मैने भी बोला की  आपने ही दिया मशवरा मुझे 
नही नही आपने सही सुना दिया ,
जो आपने ऐसा मशवरा की मेरा रोम रोम कह उठा अब तो उतार दो पंक्तियों में अपने मुझे ..........

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