मोती लाल साहु 13 May 2023 शायरी समाजिक मेरी खुद की आवाज है, हमें जिस सूर की तलाश है वह तो रूह की आवाज है, गैब-ए-इल्म कि आवाज है, वो ईश का नाम है- ईश्वर ने पुकारा है। 7568 0 Hindi :: हिंदी
हमें जिस- सूर की तलाश है, वह तो रूह की आवाज है.. वह तो राज है- गैब-ए-इल्म कि आवाज है.. मेरी खुद- की आवाज है वो ईश, का नाम है ईश्वर ने पुकारा है..!! -मोती