Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #Lakshya per kavita #Ambedkar Nagar poetry 9633 0 Hindi :: हिंदी
कविता -लक्ष्य लक्ष्य बना लो जीवन का तुम फिर सपने बुनना सीखो छोड़ सहारा और किसी का खुद पथ पर चलना सीखो लक्ष्य नहीं फिर जीवन कैसा? व्यर्थ यहां जीना तेरा साध लक्ष्य जीवन का अपने चल पथ का चीर अधेरा लक्ष्य बिना ना मंजिल मिलती न मिलता जीवन आधार पशु मानव में फिर अंतर क्या? होते हो धरती पर भार कभी लक्ष्य से ना हटना तुम पग पीछे तू ना रखना जीवन के इस संघर्षों में खुद ही खुद से ना थकना। कुछ करना है तो डटकर चल कदम चूम ले मंजिल का ध्यान ज्ञान मन चित को रखना असल निशाना अर्जुन सा। रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...