DINESH KUMAR SARSHIHA 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य #atkan_batkan 9763 0 Hindi :: हिंदी
*छत्तीसगढ़ी प्रतीकात्मक बालगीत* *1- ( अटकन )* अर्थ- जीर्ण शरीर हुआ जीव जब भोजन उचित रूप से निगल तक नहीँ पाता अटकने लगता है-- *2- ( बटकन )* अर्थ- मृत्युकाल निकट आते ही जब पुतलियाँ उलटने लगती हैं- *3- ( दही चटाकन )* अर्थ - उसके बाद जब जीव जाने के लिए आतुर काल में होता है तो लोग कहते हैँ गंगाजल पिलाओ *4- ( लउहा लाटा बन के काटा )* अर्थ- जब जीव मर गया तब श्मशान भूमि ले जाकर लकड़ियों से जलाना अर्थात जल्दी जल्दी लकड़ी लाकर जलाया जाना *6- ( तुहुर-तुहुर पानी गिरय )* अर्थ- जल रही चिता के पास खड़े हर जीव की आँखों में आंसू होते हैं *7- ( सावन में करेला फुटय )* अर्थ- अश्रुपूरित होकर कपाल क्रिया कर मस्तक को फोड़ना | *8- ( चल चल बेटा गंगा जाबो )* अर्थ- अस्थि संचय पश्चात उसे विसर्जन हेतु गंगा ले जाना । *9- ( गंगा ले गोदावरी जाबो )* अर्थ- अस्थि विसर्जित के लिए तीर्थ यात्रा कर घर लोटना। *10- (आठ नगर पागा गुलाब सिंह राजा )* पगबंदी - अन्य अन्य गांव से आने वाले पगबंदी करते हैं और आशीर्वाद देते हैं कि आज से आप इस घर के मुखिया हो या राजा हो। *11- ( पाका-पाका बेल खाबो )* अर्थ- घर में पक्वान्न (तेरहवीं अथवा दस गात्र में) खाना और खिलाना | धन संपत्ति बिना महन्त के मिलना। *12- ( बेल के डारा टुटगे )* अर्थ- हमारे परिवार के एक सदस्य कम हो गया। *13- ( भरे कटोरा फुटगे )* अर्थ- उस जीव का इस संसार से नाता छूट गया । भरे पूरे परिवार बिखर गया। *यह प्रतीकात्मक बाल गीत जीवन का सार बताने वाली बहुत ही सुंदर बालगीत है। *
I am fond of writing Poetry and Articles.I enjoy writing about culture,social and divine subjects.S...