Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

आँखों का क्या कसूर मेरा

Rupesh Singh Lostom 24 May 2023 शायरी दुःखद बही बैठा हूँ 5981 0 Hindi :: हिंदी

क्या शातिराना जबाब तेरा 
बेवफाई को हालत बना दिया 
मैं आज भी बही बैठा हूँ 
काश मिल जाये फिर से साथ तेरा 

नदिया तो बहती बहती रहेगी 
आँखों का क्या कसूर मेरा 
जो तू छोड़ गया रोता विलखता 
बस लौटा दो वो अधूरा प्यास मेरा 

वो तारे हस्ते हैं मुझे पे 
चिढ़ाता हैं कलमुहा रात 
रुलाता है आज भी मुझे 
तेरी उलूल जुलूल सवाल 
बस लौटा दो ना 
जो यादें हैं मेरी तेरे पास

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

मेरे नजर के सामने तुम्हारे जैसे बहुत है यहीं एक तू ही हो , मोहब्बत करने के लिए यह जरूरी तो नहीं read more >>
मीठी-मीठी यादों को दिल मैं बसा लेना जब आऐ हमारी याद रोना मत हँस कर हमें अपने सपनों मैं बुला लेना read more >>
Join Us: