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इश्क़ की कोई बजह होती हैं

Rupesh Singh Lostom 14 May 2023 शायरी प्यार-महोब्बत बस तू होती और मैं 5436 0 Hindi :: हिंदी

इश्क़ की कोई बजह होती हैं 
प्यार क्या गजब होती हैं 
जब से देखा हैं सुना हैं तुझे 
सायद मोहब्बत 
तेरे जैसी ही होती हैं 

सच में तू मन मोहती हैं 
जुबा गुम शूम आँखें बोलती हैं 
जिस्म का क्या बो तो नशा हैं 
बदन तेरी अपने ओर खींचती हैं 

काश कुछ ऐसा होता 
तू साथ होती रौशनी की 
रिम झिम बरसात होती 
हुस्न में सरावोर मधुर रात होती 
बस तू होती और मैं 
और चांदनी में नहाते 
खूबसूरत शांम होती

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