SACHIN KUMAR SONKER 27 Apr 2023 कविताएँ अन्य GOOGLE शीर्षक (माँ की ममता) (सचिन कुमार सोनकर) 7618 0 Hindi :: हिंदी
शीर्षक (माँ की ममता) मेरे अल्फ़ाज़ (सचिन कुमार सोनकर) इस धरती पर जब मै आया गोद मे तेरे ख़ुद को पाया। गर्मी धूप का अहसास ना होता जब मैं तेरे आँचल मे सोता। दुःख क्या होता है मैं ना जानो, तेरे सिवा मैं किसी को ना पहचानू। मेरी रग-२ तू जाने है, मेरी हर धङकन तक तू पहचाने। माँ सदा ही मेरे पास आती है , चूम के माथा मुझे जागती है। प्यार से मुझे गले लगती है , मंजन ब्रश कराती है। नाश्ता मुझे करती है , फिर स्कूल छोड़ने जाती है। वापस स्कूल लेने आती है। प्यार से होम वर्क मुझे करती है। आँख मे आशू आते ही , झट से वो मुझे गले लगाती है। तेरे आँचल मे सदा ही दुलार है , तेरे गुस्से मे भी प्यार है। स्वर्ग ना देखा जन्नत ना देखा , देखा है मैने माँ का प्यार है। तुझमे ही है मेरा ये जग सुन्दर संसार है। तेरा जो दर्शन मैंने कर लिया , नही जाना मुझे किसी के द्वार है। तेरा ममता की छाया मे ही रहना है, मुझे बारम्बार है। माँ अब तुम नज़र क्यों नही आती हो , क्यों प्यार से गले नही लगाती। जिस चेहरे को देख कर मेरी सुबह होती थी, अब वो चेहरा मुझे क्यों नही दिखाती। मुझे इतना तुम क्यों सताती हो, तुम वापस क्यों नही आ जाती हो । ईश्वर मेरा मुझसे सब कुछ ले लेता , बस तुमको मुझे वापस दे देता।