कभी मां की ममता
तो कभी पापा की परवाह
कभी भाई बहेन का प्यार
तो कभी दोस्तो की दोस्ती
कभी अपनों का साथ…
तो कभी दूरियों का एहेसास
कभी नोकजोक की खटास
तो कभी प्यार की मिठास
कभी रूठने का मजा
तो कभी मनाने की सजा
कभी अपने तो कभी अजनबी जैसे
कभी प्यार के नाजुक धागो में बंधे हुवे
तो कभी नफरत कि कड़वाहट में डूबे हुवे
कभी मतलब के तो कभी बेमतलब के
लेकिन रिश्ते जैसे भी होते है बहोत खूबसूरत होते है
हर रंग से सजे बिलकुल इंद्रधनुष के रंगों जैसे
✍️Jalpa Solanki ✍️