संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता काफी रोमांच देगी आप सभी पाठक लोगों को। 6836 0 Hindi :: हिंदी
गम जो आए तो कभी, छूटे मत तब हाथ। चाहत की राहें रहे, छोड़े कभी न साथ।। होली में लगते यही, सबके हाथ गुलाल। खुशियों का होता प्रतिक, करते नहीं मलाल।। ज्ञान भंडार है भरा, लाजवाब अध्याय। बहुत काम की बात है, इसमें भरे उपाय।। हरि को हम मन में रखें, भजते आठोयाम। उनमें दिखता है जहां, मेरा पहला काम।। किया मेहनत जो यहां, पाते अर्थ अपार। खुशियों से सजते वही, करे प्यार संसार।। रत्नों में बढ़िया हुए, सबके चाह प्रवाल। गोचर सब करता सही, रहते खुशी धमाल।। आंखें वह हसीन लगे, जिसमें मिलते लाज। दिल के रहती है भला, जीवन उसका साज।। मुझे आजकल गम नहीं, लगा प्रेम का रोग। मानव से मानव मिले, सुन्दर हो संयोग।। इत्र खुशबू के अक्स है, करते सभी पसंद। तन मन सब तब खुश रहे, दिल में हो आनंद।। रहे आजकल ध्यान में, हरदम अपना गेह। मौसम भी नम है अभी, ऋतु श्रेष्ठ मेह।। संदीप कुमार सिंह ✍🏼 जिला:_समस्तीपुर (देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....