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कर्मयुद्ध-अभी भी जान बाकी है,थोड़ी- सी फिर से रण भूमि में उतरेंगें

Mukesh Namdev 26 Aug 2023 शायरी धार्मिक कर्मयुद्ध,रण भूमि,लहू-लुहान,आगाज 15317 0 Hindi :: हिंदी

"कर्मयुद्ध"
 "अभी भी जान बाकी है,थोड़ी- सी फिर से रण भूमि में उतरेंगें,
 युद्ध का आगाज करेगें,ललकारेगें दुश्मन को लहू-लुहान करेंगे, 
 बस इसबार अंदाज और हथियार नये होंगे,पर रण भूमि वही होगी,
 और इस कर्मयुद्ध में अपने लहू से,अपने इतिहास का आगाज करेंगें"
                        #Mukesh Namdev

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