Raj Ashok 07 Aug 2023 गीत समाजिक सँभाला है 7919 0 Hindi :: हिंदी
चारों और जगत मे, दिल की .... नफ़रत का बोल. बाला है। मे भी तो यहाँ , खाके चोट जमाने से तड़ता रहा हूँ । ये तो मुझे मेर...... दोस्तों ने सँभाला है। ....३२ जाने कोन दिल की दिल की गहराईयों मे रह गया। अब आँख खुलती है तो खुलती मघुशाला मे ये दर्द की शायरी अपना अब शौक निराला है। मुझे मेर......दोस्तों ने सँभाला है एक घायल सा पतंगा हुँ । खुद जलता हूँ। और दुसरों के घर जलाता हुँ । जिसने मेरी आबरु नहीं समझी।। तो अब क्यो इज्जत करू। खैर अब जो होने वाला है । वो होता रहे हमे अपना कर्म सँभाला । मुझे मेर दोस्तों ने सँभाला