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मस्ती भरी तबीयत अपनी

संदीप कुमार सिंह 30 Apr 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 18517 0 Hindi :: हिंदी

मस्ती भरी तबीयत अपनी 
मस्ती में हम डूबे,
आसमानों से भी ऊंचे हैं 
यारों अपनी मनसुबें।
शान से हमको जीना है
जब तक सीने में दम है।
जितनी वफा करें
हम अपने यार से,
उतनी कम है।
हम आशिक हैं,
दु:शमन को भी यार
बना लेते हैं।
हिम्मत अपनी मेहबूबा है
प्यार उसे करते हैं,
खिदमत करती है व अपनी
हम उस पे मरते हैं,
जब मौका मिल जाता है
हम रंग जमा लेते हैं।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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