Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #Mulayam per kavita #Mulayam Singh yadav per kavita #ambedkar Nagar poetry 7462 0 Hindi :: हिंदी
कविता -मन के मुलायम चल कर अपने जीवन पथ पर बदला समाज अपने बल पर निज प्यार लुटाया कर भरकर की राजनीति खूब चढ़ बढ़कर अर्पित है सुमन तमाम तुम्हें, शत्-शत् नमन प्रणाम तुम्हें। साहित्य आपको प्यारा था शिक्षक बहुत दुलारा था जन प्यार आपका न्यारा था जन धरती- पुत्र पुकारा था मिले स्वर्ग विश्राम तुम्हें, शत्-शत् नमन प्रणाम तुम्हें। बादल भी रोए आज सभी धरती भीगी भीगी सी लगी सूरज समेट कर गया तभी थम रहे न आंसू आज अभी दे दूं जीवन आयाम तुम्हें शत्-शत् नमन प्रणाम तुम्हें। आह ! वेदना मिली विदाई भारत में दु:ख की गम छाई पीड़ा भरी घड़ी अब आई छोड़ चले संसार भलाई ईश्वर! दें सुन्दर धाम तुम्हें शत्-शत् नमन प्रणाम तुम्हें। रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी,अम्बेडकरनगर- यू पी
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...