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हम सब भारत माँ की संतान

Meena ahirwar 24 May 2023 कविताएँ समाजिक कविता# सदभावना# एकता# प्रेम करुणा आदि। 7522 0 Hindi :: हिंदी

चंचलता से भरा है मन, 
 भेदभाव से अंजान। 

ना कोई छोटा ना कोई बड़ा, 
 सब है एक समान। 

काला गोरा रूप हो जैसा, 
 हम सब भारत माँ की संतान । 

जात- पात के भेद से दूर रहते, 
मिलकर साथ हमेशा रहते । 

दुःख में भेदभाव को भूलकर, 
 हर संकट से लड़ते रहते। 

मीना अहिरवार, 
जिला- छतरपुर (म. प्र )

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