Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य कालचक्र के चक्र में 15825 1 5 Hindi :: हिंदी
ये बक्त नहीं है रुकने का समय नहीं है झुकने का ये काल के पुकार हैं अवसर नहीं हैं टूटने का मौका बनाओ चल पड़ो अभी फुरशत नहीं सोचने का कालचक्र के चक्र में अभी वेला नहीं हैं फसने का जो मुकदर के पीछे भागता इंसान है अब कहा अवकाश हैं बिचारने का दौड़ना होगा दम लगा के नहीं तो रह जाओगे रस्ते में मंजिल भी फिसल जाएगी आपके संपर्क से
1 year ago