Kishor Kumar Bhardwaj 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत साँसें 8031 0 Hindi :: हिंदी
अनमोल हैं ये साँसें चूकना मत , बहुत बार मौके मिले हैं इस जन्म में मत चूकना । आती श्वांस में नाचता जीवन और जाती श्वांस में हँसती मौत को देख लेना। आती साँस के ताजे सवाल और जाती साँस की असहायता को पढ़ लेना। आती साँस के अवसर और जाती साँस की थकान को जान लेना। ये साँसे भी अपना सब कुछ एक देह पर निवेश कर देती है इन साँसों को कंगाल मत होने देना। बहुत पीड़ा पाती है ये साँसें , जब देह के भीतर जाती है और प्रार्थना की बजाय वासना से मुलाक़ात कर बैठती है। स्वयं में असहाय महसूस करती है ये जब भीतर परमात्मा की बजाय अहंकार से मुलाक़ात कर बैठती है। गिनती की ही मिली है ये साँसें। इन गिनती की साँसों से ही चेतना को प्राण और बल मिल रहा है, देखना और गहरे तक गौर से देखना कि अज्ञानता के गर्भ से पोषित अहंकार और वासना के हाथों कहीं चेतना , पदार्थ पर ही लुट ना जाए। हर साँस की कीमत का अंदाजा लगा लेना। देह से इसका नाता टूटे उससे पहले ही सूरती के धागे से प्रभुता की कलाई पर प्रेम का धागा बाँध लेना। बहुत अनमोल है ये साँसें। उसकी मर्जी से मिलती है बस अपनी ही मर्जी से इन्हें प्रदूषित ना कर देना। कुंवारी मत जाने देना और विधवा भी मत होने देना , हर साँस सुहागिन बने ऐसा परम विवाह रचाना..