Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

पाकिस्तान में इमरान की फजीहत

virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख अन्य 85982 0 Hindi :: हिंदी

पाकिस्तान में इमरान खान के मंसूबों पर पानी फेरते हुए वहां के सुप्रीमकोर्ट ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर के फैसले को खारिज कर कहा है कि इमरान सरकार को नौ अप्रेल 2022 की सुबह साढ़े दस बजे अविस्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा, जो वे कतई नहीं चाहते थे और सारा खेल रचकर नए सिरे से प्रधानमंत्री बनना चाह रहे थे, लेकिन सुप्रीमकोर्ट के एक फैसले ने उनके कुत्सित इरादों को धूल-धूसरित कर दिया। 
इस फैसले से जहां विपक्षी दल और सेना खुश हैं, वहीं पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान को सांप सूंध गया है। कारण कि बड़बोले इमरान खान को सदन में बहुमत हासिल नहीं है, उसके अपने लोगों के द्वारा साथ छोड़ देने से वह अल्पमत में आ गए हैं।
वैसे पाकिस्तान दुनिया के नक्शे में एक ऐसा मुल्क है, जहां कभी राजनीतिक स्थिरता नहीं रही। वहां कभी किसी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। साथ ही, पाकिस्तान लंबे समय तक फौजी जनरलों के कब्जे में तानाशाही मुल्क रहा है।
इससे इमरान खान के लिए पाकिस्तान में एक नहीं, कई मुसीबतें आन खड़ी हो गई हैं। उनकी सबसे बड़ी मुसीबत यह कि उनकी बीवी, मुसरा बीवी की खास दोस्त फराह खान पर भ्रष्टाचरण के गंभीर आरोप वहां की विपक्षी पार्टियां लगा रही हैं। सूत्र बताते हैं कि फराह खान पाकिस्तान में अपने खिलाफ माहोल बनता देखकर रातोंरात विदेश फरार हो गई हैं।
यही नहीं, वहां की दुव्र्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी, आर्थिक तंगहाली, विदेशी कर्ज, असफल विदेश नीति के लिए भी विपक्षी दल इमरान खान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इससे आगामी सरकार जहां उनपर भ्रष्टाचरण का मुकदमा चला सकती है, वहीं उन्हें आगामी चुनाव में जनता को जवाब देना मुश्किल होनेवाला है।
इतना ही नहीं, इमरान खान ने एक भाषण में एक पर्ची लहराकर इस गंदे खेल में अमेरिका जैसे मुल्क को भी लपेट लिया है। इससे जहां अमेरिका नाराज हो गया है, वहीं पश्चिमी देशों का साथ भी अब उसको नहीं मिलनेवाला है।
इमरान खान ने अपने पूर्ववर्ती शासकों के नक्शेकदम पर चलकर भारत से दुश्मनी का ही रास्ता चुना और कश्मीर के मुद्दे को बेवजह तुल देने का प्रयास किया। हालांकि इससे उसको कहीं कोई फायदा नहीं हुआ, उल्टे भारत जैसे पड़ोसी देश से उसकी दुश्मनी पक्की होती चली गई। उसी के कार्यकाल में भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक की, लेकिन वह चूं तक न कर सका।
आतंकवाद पर उसका रवैया भूतपूर्व शासकों की तरह जस-का-तस रहा है। तभी तो पाकिस्तानी शासकों की शह पर सीमापार से आतंकवादी घटनाओं से भारत रोजाना लहूलुहान हो रहा है, लेकिन इमरान खान ने आतंकवाद को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उल्टे वहां पर वैश्विक आतंकवादी हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम, अजहर मसूद और सलाहुद्दीन जैसे भारत के गुनेहगार मजे से रह रहे हैं। 
इमरान खान हमेशा इस्लामोफोबिया से ग्रसित था और इस्लामिक मुल्कों का सरदार बनना चाह रहा था, लेकिन अपने देश की दुनियाभर में अविश्वसनीयता, उसकी दोगली नीति, खोटी नीयत और आतंकवाद की वजह से इसमें वह सफल नहीं हो सका।
			     --00--
अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायत’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर  ‘‘पंचायत, veerendra kumar dewangan से सर्च कर व पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है और लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

किसी भी व्यक्ति को जिंदगी में खुशहाल रहना है तो अपनी नजरिया , विचार व्यव्हार को बदलना जरुरी है ! जैसे -धर्य , नजरिया ,सहनशीलता ,ईमानदारी read more >>
Join Us: