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कविता - आओ घर घर लहराये तिरंगा।

राणा प्रताप कुमार 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 14824 0 Hindi :: हिंदी

किसान मजदुर सब मिलकर संग। 
आओ घर घर लहराये तिरंगा।
चारो तरफ छाये केशरिया लाल हरा। 
सारा दुनिया तो देखे नजारा। 
विभिन्न सांस्कृतिक एवं धर्म। 
सब भेद भाँव मिटाने का कर्म। 
सब हैं भारत के अंग। 
आओ घर घर लहराये तिरंगा। 
विर शहीदो को करते हैं याद। 
जो भारत माँ के रखे हैं लाज। 
जो जान देकर जीत गये जंग ।
आओ घर घर लहराये तिरंगा। 
आज स्वतंत्रता दिवस को। 
मनाये अमृत महोत्सव को। 
भारत माँ को करता हूँ नमन। 
आओ घर घर लहराये तिरंगा। 


लेखक - राणा प्रताप कुमार। 
आजमगढ उत्तर प्रदेश। 
मो 0न0 - 7347379048

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