संदीप कुमार सिंह 08 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4222 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) करें मेहनत लगन से,नहीं मिलेंगेँ कष्ट। खुशियां ही खुशियां मिले,होत आलस्य नष्ट।। आजा दोस्तों कसम लूं,सुन्दर शुभ है लग्न। बुरा कभी भी मत करूं,अपने में हम मग्न।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....