Mk Rana 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य 126093 0 Hindi :: हिंदी
हर दिन एक चिट्ठी आती जो आज थी हर रात एक चिट्ठी आती जो स्वप्न थी हर दिन की चिट्ठी में लिखा खास थी हर रात की चिट्ठी में लिखा चेतना थी ऊपर वाले की लेख भी बहुत अजीब थी दोनों के रास्ते अलग पर मंजिल एक थी दिन को खो रहा था जो खास थी रात को सो रहा था जो चेतना थी