Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग तू किताब होती तो 46855 0 Hindi :: हिंदी
तू किताब होती तो पढ़ के जान लेता अक्षरों के लिखाबटों से पहचान लेता कोहचान से अंशार या अंशार से कोहचान बना लेता मैं लकीरें पढ़ पता नहीं आँखें तेरी झूठी हैं चेहरा मगरूर फरेबी हुस्न तेरी एक धोखा हैं यौवन कपटी धोखेबाज जवानी तेरी पहेली हैं चाल नशीली होठ शराबी जुल्फ तेरी घनघोर घटा पर तू खुद से ही अजनबी हैं