Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक सामाजिक 86004 0 Hindi :: हिंदी
# निनाद ….. हे मानव तुमसे मेरी है ये विनम्र विनती है यही मेरी दिल की निनाद …..! मानव मस्तिष्क के एक कोने में सड़ा सा पड़ा ये जमा हुआ मवाद …..! सारे मानव समाज को सड़ाता , गलाता कुलमुलाता घाव है ये मजहबी उन्माद …..! मरती माताएं , लुटती अबलाएं , होती कितनी मर्माहत घटनाएं …..! यह कराता कत्लेआम सरेराह , सरेआम दर्दनाक , वीभत्स दंगे और फसाद ….! उदाहरण के तौर पर सामने इतिहास पड़ा उठाकर पढ़ लो और कर लो याद ….! फिर ना आए गुजरा हुआ पल सबका अच्छा हो आने वाला कल ….! विश्व पटल पर मेरे भारत का सिर ऊंचा हो इस धर्मनिरपेक्ष देश का हो नया आगाज …! अपने विचारों से कर दो इसे आजाद एक हो सभी मिटे मन से यह उन्माद ….! हे मानव तुमसे मेरी है ये विनम्र विनती है यही मेरी दिल की निनाद …..! चिंता नेताम “मन” नगर पंचायत डोंगरगांव जिला – राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)