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मुक्तक _छंद

संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 गीत प्यार-महोब्बत मेरा यह गीत पाठक लोगों के लिए प्यार भरा पैगाम है। जो आपको रोमांचित भी करेगा और जीवन मे आपका भरपुर साथ भी निभाएगा। 9506 0 Hindi :: हिंदी

बहर:_2122,2122,2122,212
 मैं चला हूं अब, सजाने फूल से तसवीर को।
बदल लूंगा श्रम, कड़ा कर नीच सी तक़दीर को।
तुम नगीना हो, खजाने की सजा दी हो   मुझे_ 
खत्म कर दोगी, मजे से यार मेरे पीर को।
संदीप कुमार सिंह✍🏼
ज़िला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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