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सदा लक्ष्य हो प्रगति का-रखता हूं मैं ध्यान

संदीप कुमार सिंह 06 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5333 0 Hindi :: हिंदी

(दोहा छंद)
सदा लक्ष्य हो प्रगति का,रखता हूं मैं ध्यान।
करता अथक प्रयास मैं, बढ़ता मेरा ज्ञान।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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