Prince longwal 01 Jul 2023 ग़ज़ल देश-प्रेम देशभक्ति 5767 0 Hindi :: हिंदी
हम धरती के वो पुतले हैं, जो उड़ने की हिम्मत रखते हैं, अपने आप को छोड़कर हम, वतन को छुड़ाने की हिम्मत रखते हैं, शोर हुआ था गलियों में हमारी ही वीरता का, डंका बजा था जब हमारी सहनशीलता का, दुनिया ने देखा था हमे बिना किसी रुकावट के, दूध भी दिया था हमे बिना किसी मिलावट के, हमने अपना जीवन जिया तुम्हारे ही कदमों में, जाएंगे हम एक दिन सुनसान पड़ी कब्रों में।।