Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

वातावरण-प्रकृति का ये सुंदर दृश भूधर अरण्य नदतीर

Bholenath sharma 18 Jul 2023 कविताएँ समाजिक वातावरण के बारे में 6447 1 5 Hindi :: हिंदी

प्रकृति का ये सुंदर दृश                                 भूधर, अरण्य , नदतीर ।                            अनुराग रहित जल बहता है                                हर सिन्धु समीर ।                                      भीनी ब्यार चलती है                                 अब स्वछन्द होकर ।                                     वह आती है अन्नत                                     पथ से होकर ।                                      अविरत अथक वो                                      बहती कोने कोनो मै                                                         कभी मद्धिम गति                                     कभी तेज आती है होकर |

Comments & Reviews

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बहुत खूब, लाजवाब।

8 months ago

LikeReply

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: