Samar Singh 10 Jun 2023 गीत दुःखद जब दूर ही होना था तो और गम ही ढोना था तो पास ही नहीं आना था आपको। 6286 0 Hindi :: हिंदी
तुम्हें भी गम है, मुझे भी गम है। तनहाई में तुम हो, तनहाई में हम हैं।। कब बदलेगा ये आलम, आयेगी कब खुशी का मौसम। चल रही है कयामत की आँधियाँ, कि हर मंजर बेरहम है।। तुम्हें भी गम है...........।। आँखें सूखी हैं, दिल में आँसू भरा। माँग ले कोई मेरे लिए दुआ थोड़ा जरा।। बिखरे पड़े मेरे, सपनों के शबनम हैं, तुम्हें भी गम..............।। रचनाकार- समर सिंह " समीर G "