SHAHWAJ KHAN 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत अल्फ़ाज़, अंदाज़, सुखनवारी, शायरी, 8400 1 5 Hindi :: हिंदी
गौर करना मेरे अल्फ़ाज़ों की रोशनी में उसको अपनी सुखनवरी का साहब तालिब हो गया है वो। और अंदाजे गुफ्तगू की हकीकत न पूँछिये लगता है दौरे वक़्त का ग़ालिब हो गया है वो।
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