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सुनता कौन गरीब की, -मुक्तक छंद

संदीप कुमार सिंह 30 Apr 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6526 0 Hindi :: हिंदी

सुनता कौन गरीब की,उलझन सबके पास।
अपनों में उलझे रहे,छोड़े कभी न आस।
जीवन में संग्राम है, होता है अति रोष_
आफत है सबके यहां,जीवन में है ह्रास।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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