कविता केशव 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य बचपन की यादें बहुत प्यारी और सुहानी होती है 72234 0 Hindi :: हिंदी
बचपन की यादें जब याद आती है वो भूली बिसरी बचपन की कहानी! कभी होठों पर हंसी....... तो कभी आंखो से छलकता है पानी! अरड़ाना गांव की गलियों में हम हुड़दंग मचाते थे! पकड़म-पकड़ाई में किसी के हाथ नहीं आते थे! रात को छत पर जब जुगनू जगमगाते थे! उन्हें पकड़ने को अपनी हथेलियों के पंख फैलाते थे! सावन की बरसातों में हम कागज की नाव चलातें थे! तितलियों को पकड़ने के लिए.... बहुत दूर निकल जाते थे ! स्कूल की डिग्गी पर चढ़कर एक दुजे का नाम बुलाते थे! एक दुसरे को डराने के लिए...... भूत भूत चिल्लाते थे! कुंड की मोर्जी पर चढ़कर..... पानी में छलांग लगाते थे! बेफिक्री के आलम में बिना बात के मुस्कराते थे!