संदीप कुमार सिंह 12 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 5849 2 5 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) पायल सुर की सुन खनक, आशिक सारे मस्त। गाते नगमा झूम के, उल्फत होती सख्त।। पायल की झंकार से, मन में होता हर्ष। गोरी लगती अप्सरा, करती है आकर्ष।। पायल जब है बोलती, खिलता दिल का फूल। भरे आवेग गात में, चाहत कभी न भूल।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
8 months ago
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I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....