Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

पायल की झंकार से-मन में होता हर्ष गोरी लगती अप्सरा करती है आकर्ष

संदीप कुमार सिंह 12 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 5849 2 5 Hindi :: हिंदी

(दोहा छंद)
पायल सुर की सुन खनक, आशिक सारे मस्त।
गाते नगमा झूम के, उल्फत होती सख्त।।

पायल की झंकार से, मन में होता हर्ष।
गोरी लगती अप्सरा, करती है आकर्ष।।

पायल जब है बोलती, खिलता दिल का फूल।
भरे आवेग गात में, चाहत कभी न भूल।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार

Comments & Reviews

Sandeep ghoted
Sandeep ghoted दिन बीतने को है और अभी तक सोचा तक नहीं इस काव्य खंड में लेखक ने इस बात को स्पष्ट रूप से जाहिर किया है कि उसके जीवन में अपनों से कितने दुख मिले और उन्हें किस प्रकार खेलते हैं अगर दिन ढल जाता है फिर भी उन्हें किस प्रकार की चिंता नहीं होती कि अपने भी हैं अपनों की चिंता करनी है

8 months ago

LikeReply

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह धन्यवाद भाई

8 months ago

LikeReply

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: