संदीप कुमार सिंह 26 Sep 2023 आलेख समाजिक मेरा यह आलेख समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 22221 0 Hindi :: हिंदी
भारत की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण इलाकों में रहती है। भारतीय ग्रामीण संस्कृति के महत्वपूर्ण तत्व:_शिष्टाचार, विनम्रता, सभ्य संवाद, धार्मिक संस्कार, मान्यताएं और मूल्य वगैरह हैं। ग्रामीण लोग आज भी अपनी आजीविका के लिए पूर्ण रूप से कृषि पर निर्भर हैं। भारतीय ग्रामीण जीवन की जब भी बात होती है तो तपती हुई धूप में खेती करता हुआ किसान, दूर_दूर तक फैली हुए खेत और उन पर लहलहाती हरी_भरी फसल, घर का काम_काज सँभालती हुई औरतें तथा हाट (बाजार) व मेले के दृश्य स्वतः ही मन मस्तिष्क पर उभर आते हैं। सभी ग्राम वासियों का मिल_जुल कर एक परिवार की भाँती रहना तथा एक _दूसरे को यथासंभव मदद करने हेतु सदैव तत्पर रहना हमारे ग्रामीण जीवन की विशेषता है। श्रीराम अथवा श्रीकृष्ण आदि के जीवन_चरित्र पर चर्चा आए दिन करते रहते हैं। प्रायः लोग मंडली बनाकर ढोल_मजीरे आदि वाद्य यंत्रों के साथ बैठ कर संगीत व नृत्य का आनंद उठाते हैं। विभिन्न त्योहारों का पूर्ण आनंद व उल्लास ग्राम जीवन में भरपूर देखने को मिलता है। दशहरा, दीवाली तथा होली आदि त्योहार ग्रामवासी प्रस्पर मिल_जुल कर बड़े ही पारम्परिक ढंग से मनाते हैं। रामायण और महाभारत प्राचीनत्तम संरक्षित और आज भी भारत के जाने_माने महाकाव्य है। भारतवर्ष अनेक भाषाओं का विशाल देश है। उत्तर_पश्चिम में पंजाबी, हिन्दी और उर्दू, पूर्व में उड़िया, बंगाल में असमिया, मध्य पश्चिम में मराठी और गुजराती और दक्षिण में तमिल, तेलगु, कन्नड़ और मलयालम। फिर भी कदाचित यह पार्थिक्य आत्मा का नहीं है। जिस प्रकार अनेक धर्मों, विचार धाराओं और जीवन प्रणालियों के रहते हुए भी भारतीय संस्कृति की एकता असंदिग्ध है, इसी प्रकार इसी कारण से अनेक भाषाओं और अधिकांश पद्धतियों के रहते हुए भी भारतीय साहित्य की मूलभूत एकता का अनुसंधान भी सहज संभव है। भारतीय साहित्य का प्राचर्य और वैविध तो अपूर्व है ही, उसकी यह मौलिकता एकता और भी रमणीय है। (स्वरचित मौलिक एवम् अप्रकाशित है) लेखक:_संदीप कुमार सिंह✍️ राज्य:_बिहार जिला:_समस्तीपुर पोस्ट:_पटसा थाना:_हसनपुर(पिन कोड:_848205) ग्राम:_देवड़ा
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....