मोती लाल साहु 27 Jul 2023 शायरी प्यार-महोब्बत विरह 9125 0 Hindi :: हिंदी
गुज़रते दिन महीने साल की तरह। गुज़रे तुम बीते हुए लम्हों की तरह।। ये बहारें ये मौसम हुए अब परदेसी। पत्थराई आंखों से आंसू हुए परदेसी।। -मोती
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