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आलसी मानव

Himanshu maurya 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य मानव 78796 0 Hindi :: हिंदी

वो जो  भटक रहा है इंसान
                               कुछ ना करता काम जग मैं
कहता है में हु मेहनती
                              सिर्फ आलस का मारा है
ईश्वर ने दिया शरीर है 
                             तो फिर जग कल्याण करो
सिर्फ सपने देखने से 
                                  नही होते है पूरे
विश्व कल्याण के लिए तुम 
                                    जग का नव निर्माण करो
है मानव न आलस कर 
                                तू जग का रोशन नाम कर

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