संदीप कुमार सिंह 30 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगे। 5493 0 Hindi :: हिंदी
मन में होना चाहिए, अनुपम दिव्य विचार। सुरभित करे गुलाब सा,रहें सदा गुलजार।। मन में होना चाहिए,हरदम शुभ मुस्कान। दुनियाँ सारी मस्त है,गाएं मंजुल गान।। मन में होना चाहिए,नफरत की प्रतिकार। बगिया सी परिवार हो,आपस में हो प्यार।। मन में होना चाहिए,अदभुत अदभुत चाह। पूरी करना है इसे,सदा चलूं मैं राह।। मन में होना चाहिए,खुशियों की संसार। तब खुशियाँ ही नित मिले,धन जन मिले अपार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....