Rambriksh Bahadurpuri 15 May 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #Rambriksh Bahadurpuri kavi #ambedkar Nagar kavi #ambedkarnagar poetry #jindgi per kavita 8720 0 Hindi :: हिंदी
कविता -जिंदगी की किताब एक दिन पढ़ने लगा जिंदगी की किताब, पलटने लगा पल पल के पन्नों को और समझने लगा बीती दास्तां। खोता गया अतीत के शाब्दिक भाव में, मन में उभरने लगा अक्षरता एक चित्र। लोग इकट्ठा थे बोल रहे थें बलपूर्वक जोर शोर से, हां हां…. थामो….. गिरने मत देना….. और देखते देखते ही लम्बी चौड़ी भारी भरकम छप्पर , दीवार पर चढ़ चुकी थी। मस्तिष्क कला और भाव पक्ष से प्रसांगिक व्याख्यान दिया बल में शक्ति है? या समूह में शक्ति है? निष्कर्ष में पाया प्रेम में शक्ति है प्रेम ही बल है। रचनाकार - रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...