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तुम्हारे बिन-सूनी सूनी लगती है अब गाँवो की गलियाँ

Bholenath sharma 18 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत तुम्हारे यहाँ न रहने की उदासी में 8322 1 5 Hindi :: हिंदी

सूनी सूनी लगती है अब                             गाँवो की ग
लियाँ |                                 शोर नही है उन गलियो मैं                                 जो होती थी अलियाँ |                          शान्त नही रहती थी जो                               अब एकान्त बनी वो गलियाँ ।                             तरस गई अब तेरे बिन                                अब तो आओ मेरी सखियाँ |

Comments & Reviews

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बहुत खूब, लाजवाब।

8 months ago

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