Gayatri yadav 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम देश के प्रति देशप्रेम 86591 0 Hindi :: हिंदी
जख्मी हुऐ मूलक हमारा चिगाड़ी निकली चिखों की आंंखों में भड़ी हुई आंसू हैं, खाली तिजौरी तेरी, है, हम तेरे हवाले ऐ वतन हाथों के जंजीरों में बंधी है,आजादी हमारी खोई है, मुसकान तेरी इंमान हुई पहचान हमारी है, हम तेरे हवाले ऐ वतन है,आंखों में निंद हमारी सोने के लिए फूरसत नहीं आजादी के लिए मर -मिटे देशप्रेमी हुई मंजिल सभीका एक है,हम तेरे हवाले ऐ वतन मिट गई जिसम कि लहू हुऐ हम कुर्बान ऐ वतन सुबह कि रोशनी देखी हमने तेरी सुकुन रुह में जिसम हुऐ मेहफूस है, हम तेरे हवाले ऐ वतन आजाद हुये हम वतन के लिए आजाद रहे वतन हमारा