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मेरी नन्ही परी

Manju Bala 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी नन्ही परी maa , beti , jindgi, bachchpan shiksha , oarat , duniya , dosat , dhan , kamai, pati, bahan. samnpati , sathi 45797 3 5 Hindi :: हिंदी

ओ! मेरी लाड़ली ओ! मेरी नन्ही परी
डरी थी मैं जब  तु आई थी परी
                       डरे  थे तेरे बाबा भी तु जब आई थी परी
                        ज़माने की गंदी निगाहों से कैसे बचाएँगे
                        लोगों की छोटी सोच को कैसे बढ़ा बनाएँगे|
तेरी प्यारी- प्यारी किलकारियों से
गूंज गया था मेरा आँगन सूना- सूना
                                      तेरे नन्हें -नन्हें क़दमों से  झूम
                                       उठा था मेरा आँगन सूना-सुना
ओ! मेरी लाड़ली ओ! मेरी नन्ही परी
डरी थी मैं जब  तु आई थी परी
                                           चन्द्रमा की कलाओं कि तरह
                                           तेरा भी धीरे-धीरे बढ़ा होना
और तेरे बाबा के कंधों का धीरे-धीरे 
 झुका होना कि बेटी हमारी शयानी हो गई
                                         और आ गया वक़्त विदाई का
                                         बेटी कल हमारी थी आज पराई हो गई
ओ! मेरी लाड़ली ओ! मेरी नन्ही परी
डरी थी मैं जब  तु आई थी परी           
written by ( # Manju Bala)

Comments & Reviews

DIMPLE
DIMPLE What a heart touching poem for those in mother daughter relationship. i am reading this poem on mothers day . it made me emotional. Thank you for such a golden content. thank you poetess.

11 months ago

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Ramesh
Ramesh Nice poem thank you

11 months ago

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yashoda
yashoda very nice

9 months ago

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