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माँ तुम्हारे पैरों को छूकर मैंने चारो धाम करके देखा है

Pragati Rai 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक maa 44292 0 Hindi :: हिंदी

माँ तुम्हारे पैरों को छूकर मैंने चारो धाम करके देखा है,
माँ तुम्हारे आशीर्वाद से मैंने अपने पाप मिटते देखा है, 
वैसे ईश्वर अल्लाह को तो कभी नहीं देखा मैंने,
पर हाँ माँ, मैंने तुम्हें पूजा करते वक्त ,
मंदिर की मूर्तियों को पलकें झुकाकर हँसते हुए देखा है,

नाम- प्रगति राय
पता- ग्राम- रईसा,पोस्ट-कसारा
जिला-मऊ

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