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चल हवा से कर बातें

Samar Singh 12 Apr 2024 कविताएँ अन्य चलना है, बढ़ना है,तो जीवन में रफ्तार होना चाहिए। 3048 0 Hindi :: हिंदी

दोनों हाथों को फैलाये, 
महाकाल को पास बुलाये, 
करें मौत से मुलाकातें, 
चल हवा से कर लूँ बातें। 

उड़ता ही जाऊँ बन परिंदा, 
कर बादलों को शर्मिंदा। 
गिराने को लगी हैं घातें, 
चल हवा से कर लूँ बातें। 

राहें है पथरीली, 
चुभने को आतुर झाड़ियाँ कटीली। 
चलना है, जिंदा हूँ इस नाते, 
चल हवा से कर लूँ बातें। 

रचनाकार- समर सिंह " समीर G "

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