Uday singh kushwah 30 Mar 2023 कहानियाँ प्यार-महोब्बत 151955 4 5 Hindi :: हिंदी
तू...मुझे मिल न पायी, सौभाग्य से...। इसीलिए तो रोज मिलता हूँ,यादों में...। नहीं तो तुम-हम,दूर-दूर होते इस स्वार्थी जमाने में...। जो तुमने... मेरी हथेली पर,वेल-वूटे वनाये थे...। उनमें अब फूल निकल आये हैं...। जब तुम्हारी...याद आती है तो...। मैं...अपनी हथेलियों को सूंघ लेता हूँ...। यू.एस.बरी लश्कर,ग्वालियर,म.प्र.
1 year ago
11 months ago
11 months ago
11 months ago