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खुशी पर्व नवरात्रि की-पावन आया वक्त

संदीप कुमार सिंह 15 Oct 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 11883 0 Hindi :: हिंदी

#विधा:_दोहा छंद 
#"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत"
खुशी पर्व नवरात्रि की,पावन आया वक्त।
माता के नौ रूप से,लहर चले है रक्त।।

प्रथम शैल पुत्री तुझे,करूं नमन मैं खास।
पूरे कर अरमान सब,और बढ़ा दे आस।।

बैल सवारी तूं करे,रखती हाथ त्रिशूल।
दुष्टों का संहार कर,करती जग अनुकूल।।

अदभुत रूप द्वितीय है, ब्रह्मचारणी नाम।
सफल करें सब आरजू,दे दे सही मुकाम।।

मातु आगमन से धरा,चमक रही है खूब।
घर घर में उत्साह है,तुझ में ही सब डूब।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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