मोती लाल साहु 30 Mar 2023 आलेख समाजिक अजी हम भी कवि हैं। 85157 0 Hindi :: हिंदी
अजी हम भी कवि हैं ! आप मानो ना मानो- कब तक चुप रहेंगे, साज छिड़ गए हैं तो- कान के पर्दे से टकराएंगे ही। अजी हम भी कवि हैं ! -मोती
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