राकेश 13 Aug 2023 कविताएँ समाजिक दुश्मन 6196 1 5 Hindi :: हिंदी
उन्नति का दुश्मन आलस्य आराम, बिना मेहनत के दुख लता है तमाम, मनुष्य का दुश्मन है महान। नशा है खराब, शरीर विवेक का करेगा नाश, इससे सुख सकून लेना है बेकार, इसका लिखे अपने दुश्मनों में नाम। पशु पक्षी कीड़े मकोड़े, दिखते हैं दुश्मन, मनुष्य की जान लेना कष्ट देना इनके लिए है आसान, किंतु यह नहीं मनुष्य का मनुष्य दुश्मन बनता है खतरनाक।