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चुप कैसे रहे हम-जब थे बेबस बेसहारे

Rameez Raja 06 Feb 2024 कविताएँ समाजिक चुप कैसे रहे हम 3332 0 Hindi :: हिंदी

थे जब हम चुप्पी साधे,
जब थे बेबस, बेसहारे,
बस चुप करा दिया हमको,
जब कुछ कहने की थी बारी।

आज तो बस आवाज़ उठाने की है हमने ठानी, 
न बैठेंगे चुप अभी हम और न साधेंगे कोई चुप्पी, 
चाहे जीवन में हो कितनी भी अशांति,
लड़ेंगे हम अपने अधिकारों के लिए,
करेंगें खुद संघर्ष अकेले अपने ही दम पे,

चुप रहे अकेले अब हम कैसे,
नही सहेंगे अन्याय अब हम आगे,
तोड़ कर उन जंजीरों को अब हम,
बढ़े चलेंगे, कदम  बढ़ाए,आगे आगे ।
बढ़े चलेंगे, कदम बढ़ाए, आगे आगे ।

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