मनीष राठौड 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य मनीष राठौड (मानाराम ) 7650 0 Hindi :: हिंदी
निहार का मौसम को चले खेतों को कंधे पर हल धोकर हाथ में बीज लेकर चले खेतों को मौसम है सर्दी का वर्दी है सर्दी की न जाने मौसम का उजास न माने मौसम है पाले का खुद को कर बैठे सर्दी के हवाले पता नहीं है कितनी आवक क्या पता है कितनी फसल मनीष राठौड (मानाराम )