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दीवाली की दूज पर-बहना दे आशीष

संदीप कुमार सिंह 18 Nov 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगे। 2213 0 Hindi :: हिंदी

#विधा:-दोहा छंद 
#"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" 
दीवाली की दूज पर,बहना दे  आशीष।
भाई  को करती  तिलक,भाई बने मनीष।।

दीवाली की दूज पर,दिखे खास उत्साह।
भाई बहना के प्यार से,चमके जीवन राह।।

दीवाली की दूज पर,भाई दे उपहार।
बहना कर स्वीकार यह,खुशियाँ मिले हजार।।

दीवाली की दूज पर,सभी छोड़कर काम।
भाई बहना से मिले,बनकर अरु गुलफाम।।

दीवाली की दूज पर,मौसम भी  है खास।
भाई बहना प्रेम पर,सबको है विश्वास।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:-समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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